2. केन्द्रीय आधारभूत विषय : विद्यालय में बालक के सर्वार्गीण विकास की संकल्पना की गई है, इस निमित्त बाल मनोविज्ञान पर आधारित बाल केन्द्रित पंचपदीय शिक्षण पद्धति की व्यवस्था है, जिसमें अधीति, बोध, अभ्यास, प्रयोग एवं प्रसार की आयामों द्वारा छात्रों को विषय ज्ञान स्पष्ट कराया जाता है।
4. प्रयोगशालाएं : विज्ञान एवं कम्प्यूटर विषयों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने की दृष्टि से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित व कम्प्यूटर की अलग.अलग प्रयोगशालाएं हैं, जो पर्याप्त उपकरणों से सुसज्जित एवं व्यवस्थित हैं।
5. सम्वाद : छात्रों में अभिव्यक्ति.कौशल विकास के लिए यह सशक्त मंच है जिसमें साहित्य, संगीत, कला, विज्ञान, धर्म एवं संस्कृति आदि के विशेषज्ञों के साथ छात्रों को अभिव्यक्ति का सुअवसर प्राप्त होता है।
6. स्वस्छ भारत, स्वस्थ भारत मिशन : इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक छात्र की सहभागिता अनिवार्य है। छात्र को अपने कक्षाचार्य जी के सानिध्य में रहकर इस मिशन में प्रत्यक्ष रुप से सक्रिय होकर परियोजना कार्य करना होगा। सफल छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है।
1. उत्सव एवं जयन्तियाँ : छात्र अपने सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक गौरव को पहचानेंए अपने पूज्य महापुरुषों एवं मानबिन्दुओं के प्रति श्रद्धाभाव रखेंए इस हेतु विभिन्न पर्वों एवं महापुरुषों की जयन्तियों का आयोजन विद्यालय में समय.समय पर किया जाता है। छात्रों को इस अवसर पर सम्बन्धित महापुरुषों के जीवन पर तैयारी करके बोलना होता है।
3. अभिभावक.शिक्षक मिलन : बालकों के बहुमुखी विकास में आचार्य एवं अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इस निमित्त हमारे विद्यालय में बालवर्गए किशोर वर्ग व तरूण वर्ग के अभिभावकों एवं शिक्षकों का सम्मेलन किया जाता हैए जिसमें अभिभावकों की सक्रियता आवश्यक है। इन कार्यक्रमों में छात्रों के विकास हेतु अभिभावकों एवं आचार्यो के सुझाव का आदान दृ प्रदान होता है।
5. राष्ट्रीय एवं सामाजिक चेतना : विद्यालय सामाजिक चेतना के केन्द्र होते हैं । जब समाज या राष्ट्र में कोई समस्या आपदा आती है, जैसे यमुना में बाढ़ आना, रेल दुर्घटना होना, पर्यावरण के समय समाज की पीड़ित वर्ग के लिए तन, मन एवं धन से समर्पित रहते हैं। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा चलाये गये ष्स्वच्छता अभियानश् के अन्तर्गत विद्यालय के छात्रों द्वारा समाज में व्यक्तिगत सम्पर्क कर 822 नागरिकों को शपथ दिलायी गयी तथा विद्यालय के छात्रों द्वारा समाज की उपेक्षित बस्तियों में डस्टबिन का वितरण किया गया