विद्यालय के बारे में

उपलब्धियाँ

विद्यालय की स्थापना सन् 2005 में हुई है, इतने अल्प समय में हमने जो उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं निम्नवत हैं ।

  •  माध्यमिक शिक्षा परिषद उ०प्र० आयोजित बोर्ड परीक्षा का उत्कृष्ट परिणाम ।

  • 22 प्रशिक्षित शिक्षकों की टीम और 500 छात्र | कैब्रिजी पुरस्कार-50
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  • भारतीय शिक्षा समिति, ब्रज प्रदेश द्वारा आयोजित कक्षा अष्टम् की सरस्वती प्रतिभा खोज परीक्षा में प्रतिवर्ष छात्रों का चयन होता है।

  • विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों में विद्यालय के छात्रों का चयन।

  • सरकारी जिला खेलकूद प्रतियोगिता में विद्यालय ने सब जूनियर एवं जूनियर बालक वर्ग में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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  • UPTET, CPT, प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिवर्ष विद्यालय के छात्रों का चयन ।

विद्यालय की विशेषताएं

1.    पंचपदीय शिक्षण पद्धति :  विद्यालय में बालक के सर्वार्गीण विकास की संकल्पना की गई हैए इस निमित्त बाल मनोविज्ञान पर आधारित बाल केन्द्रित पंचपदीय शिक्षण पद्धति की व्यवस्था हैए जिसमें अधीतिए बोधए अभ्यासए प्रयोग एवं प्रसार की आयामों द्वारा छात्रों को विषय ज्ञान स्पष्ट कराया जाता है।

2.    केन्द्रीय आधारभूत विषय : विद्यालय में बालक के सर्वार्गीण विकास की संकल्पना की गई है, इस निमित्त बाल मनोविज्ञान पर आधारित बाल केन्द्रित पंचपदीय शिक्षण पद्धति की व्यवस्था है, जिसमें अधीति, बोध, अभ्यास, प्रयोग एवं प्रसार की आयामों द्वारा छात्रों को विषय ज्ञान स्पष्ट कराया जाता है।

3.    पंचमुखी शिक्षण पद्धति : छात्रों के सर्वार्गीण विकास की दृष्टि से पंचमुखी शिक्षण की व्यवस्था है जिसमें शारीरिकए मानसिकए व्यावसायिकए नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास पर ध्यान दिया जाता है 

4.    प्रयोगशालाएं : विज्ञान एवं कम्प्यूटर विषयों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने की दृष्टि से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित व कम्प्यूटर की अलग.अलग प्रयोगशालाएं हैं, जो पर्याप्त उपकरणों से सुसज्जित एवं व्यवस्थित हैं।

5.    सम्वाद : छात्रों में अभिव्यक्ति.कौशल विकास के लिए यह सशक्त मंच है जिसमें साहित्य, संगीत, कला, विज्ञान, धर्म एवं संस्कृति आदि के विशेषज्ञों के साथ छात्रों को अभिव्यक्ति का सुअवसर प्राप्त होता है।

6.    स्वस्छ भारत, स्वस्थ भारत मिशन : इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक छात्र की सहभागिता अनिवार्य है। छात्र को अपने कक्षाचार्य जी के सानिध्य में रहकर इस मिशन में प्रत्यक्ष रुप से सक्रिय होकर परियोजना कार्य करना होगा। सफल छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है।

सामाजिक सरोकार

1.    उत्सव एवं जयन्तियाँ : छात्र अपने सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक गौरव को पहचानेंए अपने पूज्य महापुरुषों एवं मानबिन्दुओं के प्रति श्रद्धाभाव रखेंए इस हेतु विभिन्‍न पर्वों एवं महापुरुषों की जयन्तियों का आयोजन विद्यालय में समय.समय पर किया जाता है। छात्रों को इस अवसर पर सम्बन्धित महापुरुषों के जीवन पर तैयारी करके बोलना होता है।

2.    अभिभावक सम्पर्क व्यवस्था : प्रतिवर्ष हमारे आचार्यों द्वारा छात्रों के घर सम्पर्क करने की व्यवस्था है द्य सत्र के बीच.बीच में अभिभावकों को भी विद्यालय में छात्रों की प्रगति की जानकारी के लिए आमंत्रित किया जाता है द्य अतः अभिभावक की उपस्थिति आवाश्यक है

3.    अभिभावक.शिक्षक मिलन : बालकों के बहुमुखी विकास में आचार्य एवं अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इस निमित्त हमारे विद्यालय में बालवर्गए किशोर वर्ग व तरूण वर्ग के अभिभावकों एवं शिक्षकों का सम्मेलन किया जाता हैए जिसमें अभिभावकों की सक्रियता आवश्यक है। इन कार्यक्रमों में छात्रों के विकास हेतु अभिभावकों एवं आचार्यो के सुझाव का आदान दृ प्रदान होता है।

4.    संस्कृति बोध परीक्षा : छात्रों को अपनी मातृभूमिए संस्कृतिए धर्मए दर्शनए ऋषि.मुनियों एवं महापुरुषों के व्यक्तित्व व कृतित्व का भी ज्ञान होए इस निमित्त हमारे विद्यालय में प्रतिवर्ष संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन होता हैए जिसका प्रमाण.पत्र समस्त छात्रों को प्रदान किया जाता है।

5.    राष्ट्रीय एवं सामाजिक चेतना : विद्यालय सामाजिक चेतना के केन्द्र होते हैं । जब समाज या राष्ट्र में कोई समस्या आपदा आती है, जैसे यमुना में बाढ़ आना, रेल दुर्घटना होना, पर्यावरण के समय समाज की पीड़ित वर्ग के लिए तन, मन एवं धन से समर्पित रहते हैं। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा चलाये गये ष्स्वच्छता अभियानश् के अन्तर्गत विद्यालय के छात्रों द्वारा समाज में व्यक्तिगत सम्पर्क कर 822 नागरिकों को शपथ दिलायी गयी तथा विद्यालय के छात्रों द्वारा  समाज की उपेक्षित बस्तियों में डस्टबिन का वितरण किया गया